रविवार, 26 अक्टूबर 2025

Restructured Assembly Plan*

Restructured Assembly Plan*

*Restructured Assembly Plan* 


*1. सीधी कतार*

*2. एक हाँथ का फासला*

*3. प्रार्थना*
_सोमवार_
वह शक्ति हमें दो दयानिधे,
कर्तव्य मार्ग पर डट जावें।
पर सेवा पर उपकार में हम,
जग जीवन सफल बना जावें।
हम दीन दुखी निबलों विकलों
के सेवक बन संताप हरे।
जो हैं अटके भूले भटके,
उनको तारें खुद तर जावें।
छल दम्भ द्वेष पाखण्ड झूठ-
अन्याय से निशि दिन दूर रहे।
जीवन हो शुद्ध सरल अपना,
सुचि प्रेम सुधारस बरसावें।
निज आन मान मर्यादा का,
प्रभु ध्यान रहे अभिमान रहे।
जिस देश राष्ट्र में जन्म लिया,
बलिदान उसी पर हो जावें।।

_मंगलवार_
दया कर दान भक्ति का हमें परमात्मा देना,
दया करना हमारी आत्मा में शुद्धता देना।
हमारे ध्यान में आओ, प्रभु आँखों में बस जाओ।
अँधेरे दिल में आकर के, परम ज्योति जगा देना।
दया कर…
हमारा कर्म हो सेवा, हमारा धर्म हो सेवा।
सदा ईमान हो सेवा, व सेवक चर बना देना।
दया कर …
बहादो प्रेम की गंगा दिलो में प्रेम का सागर।
हमें आपस में मिलजुल के प्रभो रहना सिखा देना।
वतन के वास्ते जीना वतन के वास्ते मरना
वतन पर जाँ फिदा करना, प्रभो हमको सिख देना।
दया कर ...

_बुधवार_
ऐ मालिक तेरे बंदे हम, ऐसे हो हमारे करम
नेकी पर चले, और बदी से टले, ताकी हसते हुये निकले दम
ये अंधेरा घना छा रहा, तेरा इन्सान घबरा रहा
हो रहा बेख़बर, कुछ ना आता नज़र,
सुख का सूरज छुपा जा रहा
हैं तेरी रोशनी में जो दम, तो अमावस को कर दे पूनम
नेकी पर चले, और बदी से टले, ताकी हसते हुये निकले दम
बड़ा कमजोर हैं आदमी, अभी लाखों हैं इस में कमी
पर तू जो खड़ा, हैं दयालू बड़ा, तेरी क्रिपा से धरती थमी
दिया तूने हमें जब जनम, तू ही झेलेगा हम सब के गम
नेकी पर चले, और बदी से टले, ताकी हसते हुये निकले दम
जब जुल्मों का हो सामना, तब तू ही हमें थामना
वो बुराई करे, हम भलाई भरे, नहीं बदले की हो कामना
बढ़ उठे प्यार का हर कदम और मीटे बैर का ये भरम
नेकी पर चले, और बदी से टले, ताकी हसते हुये निकले दम
ऐ मालिक तेरे बंदे हम

_बृहस्पतिवार_
सुबह सवेरे  लेकर तेरा नाम प्रभु,
करते है हम शुरु आज का काम प्रभु ||
शुद्ध भाव से तेरा ध्यान लगाये हम,
विद्या का वरदान तुम्ही से पाए हम,
तुमि से है आगाज तुम्ही से अंजाम प्रभु |
करते है हम शुरु आज का काम प्रभु...
गुणों का सत्कार कभी न भूले हम,
इतना बने महान गगन को छु ले हम,
तुम्ही से है हर सुबह तुम्ही से शाम प्रभु |
करते है हम शुरु आज का काम प्रभु......
सुबह सवेरे  लेकर तेरा नाम प्रभु,
करते है हम शुरु आज का काम प्रभु ||

_शुक्रवार_
हर देश में तू, हर भेष में तू,
तेरे नाम अनेक तू एक ही है,
तेरे नाम अनेक तू एक ही है ।
तेरी रंगभूमि, यह विश्व भरा,
सब खेल में, मेल में तू ही तो है ॥
सागर से उठा बादल बनके,
बादल से फटा जल हो करके ।
फिर नहर बना नदियाँ गहरी,
तेरे भिन्न प्रकार, तू एक ही है ॥
हर देश में तू, हर भेष में तू,
तेरे नाम अनेक तू एक ही है,
तेरे नाम अनेक तू एक ही है
चींटी से भी अणु-परमाणु बना,
सब जीव-जगत् का रूप लिया ।
कहीं पर्वत-वृक्ष विशाल बना,
सौंदर्य तेरा, तू एक ही है ॥
हर देश में तू, हर भेष में तू,
तेरे नाम अनेक तू एक ही है,
तेरे नाम अनेक तू एक ही है
यह दिव्य दिखाया है जिसने,
वह है गुरुदेव की पूर्ण दया ।
गुरुदेव कहे कोई न और दिखा,
बस मैं और तू सब एक ही है ॥
हर देश में तू, हर भेष में तू,
तेरे नाम अनेक तू एक ही है,
तेरे नाम अनेक तू एक ही है ।
तेरी रंगभूमि, यह विश्व भरा,
सब खेल में, मेल में तू ही तो है ॥

_शनिवार_
इतनी शक्ति हमें देना दाता,
मनका विश्वास कमजोर हो ना
हम चलें नेक रस्ते पे,
हमसे भूलकर भी कोई भूल हो ना
दूर अज्ञान के हो अँधेरे
तू हमें ज्ञान की रौशनी दे
हर बुराई से बचके रहें हम
जीतनी भी दे भली ज़िन्दगी दे
बैर हो ना किसी का किसी से
भावना मन में बदले की हो ना
हम चलें नेक रस्ते पे,
हमसे भूलकर भी कोई भूल हो ना.....
हम न सोचें हमें क्या मिला है
हम ये सोचें किया क्या है अर्पण
फूल खुशियों के बांटें सभी को
सबका जीवन ही बन जाए मधुबन
अपनी करुणा को जल तू बहा के
करदे पावन हर एक मन का कोना
हम चलें नेक रस्ते पे,
हमसे भूलकर भी कोई भूल हो ना.....
हर तरफ़ ज़ुल्म है बेबसी है
सहमा-सहमा सा हर आदमी है
पाप का बोझ बढ़ता ही जाए
जाने कैसे ये धरती थमी है
बोझ ममता का तू ये उठा ले
तेरी रचना का ये अंत हो ना
इतनी शक्ति हमें देना दाता.....

*5. प्रतिज्ञा*
मैं अपने देश से प्यार करता हूँ और मुझे इसकी समृद्धि और विविध विरासत पर गर्व है । मैं हमेशा इसके योग्य बनने का प्रयास करूंगा। मैं अपने माता-पिता शिक्षकों और सभी बड़ों का सम्मान करूंगा और सभी के साथ शिष्टाचार का व्यवहार करूंगा। मै  अपने देश और अपने देश के लोगों की रक्षा करने की प्रतिज्ञा करता हूँ।

_हम शपथ लेते हैं कि पढ़ाई को अपने जीवम का हिस्सा बनाएंगे । पढ़ेंगे और पढ़ना सिखाएंगे। हम अपने सभी सहपाठियों का हौसला बढ़ाएंगे। पढ़ाई से जुड़कर हम शिक्षित भारत बनाएंगे।_

*4. प्रेरक वाक्य*
* उठो जागो और तब तक नही रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए।
* व्यक्ति अपने विचारों के शिव कुछ नही है, वह जो सोंचता है, वही बन जाता है ।
* असफलताएं कभी कभी सफलता की स्तंभ होती हैं।

*5. कंघी और नाखून की जांच*

*6. वेशभूषा और जूतों की जांच*

*7. अपना परिचय*
नाम, विद्यालय का नाम, कक्षा, गांव का नाम

*8. सामान्य ज्ञान*
* राष्ट्र पिता- महात्मा गांधी
* देश का नाम- भारत
* भारत की राजधानी- नयी दिल्ली
* भारत के प्रधानमंत्री- श्री नरेन्द्र मोदी
* भारत के राष्ट्रपति- श्री राम नाथ कोविंद
* भारत के कुल राज्य- 28
* भारत के कुल केंद्र शासित प्रदेश- 8
* राज्य का नाम- उत्तर प्रदेश
* उत्तर प्रदेश की राजधानी- लखनऊ
* उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री- श्री आदित्य नाथ योगी
* उत्तर प्रदेश के राज्य पाल- श्रीमती आनंदी बेन पटेल

*9. हेल्प लाइन नम्बर*
* फायर- 101
* पुलिस- 112
* एम्बुलेंस- 108
* चाइल्ड हेल्पलाइन- 1098
* महिला हेल्पलाइन- 1090

*10. पी०टी०*

*11. राष्ट्रगान*
जनगणमन-अधिनायक जय हे भारतभाग्यबिधाता!
पञ्जाब सिन्धु गुजरात मराठा द्राबिड़ उत्कल बङ्ग
बिन्ध्य हिमाचल यमुना गंगा उच्छल जलधि तरङ्ग
तब शुभ नामे जागे, तब शुभ आशिष मागे,
गाहे तब जयगाथा।
जनगणमङ्गलदायक जय हे भारतभाग्यबिधाता!
जय हे, जय हे, जय हे, जय जय जय जय हे॥

*12. देश भक्ति गीत*
नन्हा मुन्ना राही हूँ, देश का सिपाही हूँ
बोलो मेरे संग, जय हिंद, जय हिंद, जय हिंद ...
रस्ते पे चलूंगा न डर-डर के
चाहे मुझे जीना पड़े मर-मर के
मंज़िल से पहले ना लूंगा कहीं दम
आगे ही आगे बढ़ाउंगा कदम
दाहिने बाएं दाहिने बाएं, थम!  नन्हा ... 

घर से चुनाव स्थल तक साथ ले जाने वाले सामान की सूची ​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​

घर से चुनाव स्थल तक साथ ले जाने वाले सामान की सूची ​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​

 *घर से चुनाव स्थल तक साथ ले जाने वाले सामान की सूची* ​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​



*नींबू और पानी* जितना हो सके (यदि RO का पीने की आदत है- गर्मी होने के कारण गला सूखेगा, कई गांव ऐसे है जहां का पानी खारा है)

ड्यूटी का आदेश+ आधार+ पेन 
(बैग के बाहरी जेब में रखे)

*1.* पर्स(जिसमें कुछ रुपया हो), चश्मा, अंगौछा
*2.* साबुन(पेपर सोप), सैनिटाइजर,मास्क।
*3.* खराब न हो और दबे न फल जैसे सेब, खटमिट्ठा-नमकीन, बिस्किट, नमक पारा, नींबू , जलजीरा , बुकनू, खीरा, ग्लूकोज, जीरा वाली पूड़ी + अचार आदि।
*4.* चाकू या कटर।
*5.* चप्पल, पजामा, तौलिया, अन्तः वस्त्र, 1 जोड़ी कपड़े + रुमाल + मास्क, एक खराब कपड़ा, सूत की डोरी( कपड़े टांगने के लिए)।, एक पॉलीथीन जिसमे चप्पल आ जाएं ।
*6.* पेन, पेंसिल, मार्कर ,व्हाइटनर ,पंच, टेप, कार्बन पेपर, सोखता डिब्बी- अंगुली गीली करने हेतु- बैलेट पेपर पलटने के लिए, P1 के लिए 1000 महिला और पुरुष की गिनती का पेपर, कुछ सफेद कागज, पुराना न्यूज पेपर।
*7.* मोबाइल(एक से अधिक नेटवर्क), चार्जर, पॉवर बैंक।
*8.* गिलास, चम्मच, प्लेट, कटोरी ।
*9.* माचिस, टॉर्च, मोमबत्ती, फ़ास्ट कार्ड, मार्टीन, ओडोमास (सर्वोत्तम- इससे धुंआ नही होगा और अगले व्यक्ति को परेशानी नही होगी), आलआउट।
*10.* चद्दर (बिछाने और ओढ़ने के लिए) ।
*11.* दवा जो भी लेते हो ।
*12.* टूथ ब्रश, टूथ पेस्ट, टॉन्ग क्लीनर, शैम्पू पाउच वाला, पाउच वाला तेल, कंघा,शीशा, लिपबाम, इत्र-डियो, फेश वाश, एन्टी पॉल्यूशन क्रीम, सैनेटरी पैड, लिपस्टिक/लिप ग्लॉस, बिंदी, सिंदूर ।
*13.* गुटखा, धूम्रपान करने वाले व्यक्ति स्वयं समझ ले (बाबा इलाइची जरूर लें ले), मदिरा सेवन से परहेज करें।

*नोट.* यह सम्पूर्ण या सभी के लिए आवश्यक हो ऐसी सूची नही है, बस एक प्रयास मात्र है कि जिसकी आपको आवश्यकता लगे आप उस वस्तु को अपने साथ ले जा सकें ।
~_*#HRS247*_~

शनिवार, 25 अक्टूबर 2025

बोनस की गणना

बोनस की गणना

 *बोनस* विशेष 🚩

*बोनस की गणना* ₹7000 के काल्पनिक वेतन पर किया जाता है, जो कि आज के हिसाब से सही नहीं है, अब मिनिमम वेतन सातवें वेतन आयोग में 18000 है तो गणना भी 18000 पर होनी चाहिए.. 🤔

*हम लोगों को* एक महीने का बोनस दिया जाता है 6908 रुपये, *अगर 18000 पर गणना की जाए तो बोनस बनता है, 17763 रुपये।* 
_बोनस इतना तो होना ही चाहिए कि हम लोग विभाग के लिए एक ढंग का मोबाइल खरीद सके.._ 😃

सरकार बोनस जारी करती है 7000, लेकिन मिलता है 6908.. 🙃

*अब सोचने वाली बात है कि* ये 6908 जैसे अजीब  फिगर में बोनस देने का क्या तुक है??

तो इसकी वजह ये है कि, सरकार  30 दिनों का तदर्थ बोनस देती है।
और विभाग के नज़र में महीने के औसत दिनों की संख्या 31 या 30 न होकर 365/12 = *30.4* होती है..

तो *30 दिन का तदर्थ बोनस* =
 (7000/30.4) × 30 =  ₹ *6908* ✅

इस प्रकार आपको वर्तमान में 6908 का बोनस मिलता है.. 😄


बहुत पहले *3500* पर मिलता था ,
2015 से *7000* पर मिल रहा है,
 अब समय  की मांग है की *7000 से बढ़कर 18000* किया जाए.. ✊🏻😌

शनिवार, 8 फ़रवरी 2025

 हठ कर बैठा मास्टर एक दिन...
मन्त्री से यह बोला,
दिलवा दो मन्त्री जी मुझको...
एक ठौ उड़न खटोला।
सड़कें सारी टूटी-फूटी...
कैसे गाड़ी चलाऊँ,
समय पर यदि मैं पहुँच न पाऊँ...
तो सेल्फी कैसे भिजवाऊँ।
मांग मेरी छोटी सी है सर...
दे दो एक चपरासी,
नमक मसाला तेल दूध
और फल लाए सब्ज़ी ताजी।
कोटेदार से राशन लाए...
गेहूं भी पिसवाए,
गैस अगर चुक गई अचानक...
सिलेंडर भी भरवाए।
एक समस्या और है सर जी...
उसको भी सुन लीजै,
जहाँ हैं केवल दो ही मास्टर...
तीन तो कर ही दीजै।
एक अगर बीमार पड़ा गर...
छुट्टी तो मिल जाए,
एक अकेला अध्यापक सब...
कक्षा कैसे पढाए।
एक सूचना बार-बार सर...
देना ही पड़ता है,
फोटो कापी करवाने को सर...
आना ही पड़ता है।
अब तो आप बताएं सर जी...
कैसे काम चलाऊँ,
एक अकेला अध्यापक हूँ..
सेल्फी कैसे भेजवाऊँ।
और भी बहुत समस्या है सर...
क्या क्या मैं गिनवाऊँ।।
😀😀

 🚩 *कंजूसी मत करें* 🎪

*जिस दिन हमारी मौत होती है, हमारा पैसा बैंक में ही रह जाता है।*

*जब हम जिंदा होते हैं, तो हमें लगता है कि हमारे पास खच॔ करने को पर्याप्त धन नहीं है।*

*जब हम चले जाते हैं, तब भी बहुत सा धन बिना खर्च हुये बच जाता है।*

*एक चीनी बादशाह की मौत हुई। वो अपनी विधवा के लिये बैंक में 1.9 मिलियन डालर छोड़ कर गया। विधवा ने जवान नौकर से शादी कर ली। उस नौकर ने कहा, मैं हमेशा सोचता था कि मैं अपने मालिक के लिये काम करता हूँ, अब समझ आया कि वो हमेशा मेरे लिये काम करता था।*

        *सीख ?*

 *ज्यादा जरूरी है कि अधिक धन अर्जन की बजाय अधिक जिया जाय।*

*• अच्छे व स्वस्थ शरीर के लिये प्रयास करिये।*
*• मँहगे फोन के 70% फंक्शन अनोपयोगी रहते हैं।*
*• मँहगी कार की 70% गति का उपयोग नहीं हो पाता।*
*• आलीशान मकानों का 70% हिस्सा खाली रहता है।*
*• पूरी अलमारी के 70% कपड़े पड़े रहते हैं।*
*• पूरी जिंदगी की कमाई का 70% दूसरों के उपयोग के लिये छूट जाता है*
*• 70% गुणों का उपयोग नहीं हो पाता।*

*तो 30% का पूण॔ उपयोग कैसे हो ?*

*• स्वस्थ होने पर भी निरंतर चेक-अप करायें।*
*• प्यासे न होने पर भी अधिक पानी पियें।*
*• जब भी संभव हो, अपना अहं त्यागें ।*
*• शक्तिशाली होने पर भी सरल रहें।*
*• धनी न होने पर भी परिपूर्ण रहें।*

*बेहतर जीवन जीयें!*
👌🏻👌🏻
*▪️काबू में रखें - प्रार्थना के वक़्त अपने दिल को!*
*▪️काबू में रखें - खाना खाते समय पेट को!*
*▪️काबू में रखें - किसी के घर जाएं तो आँखों को!*
*▪️काबू में रखें - महफिल मे जाएं तो जबान को!*
*▪️काबू में रखें - पराया धन देखें तो लालच को!*
👌🏻👌🏻
*➡️भूल जाएं - अपनी नेकियों को!*
*➡️भूल जाएं - दूसरों की गलतियों को!*
*➡️भूल जाएं - अतीत के कड़वे संस्मरणों को!*
👌🏻👌🏻
*🔅छोड दें - दूसरों को नीचा दिखाना!*
*🔅छोड दें - दूसरों की सफलता से जलना!*
*🔅छोड दें - दूसरों के धन की चाह रखना!*
*🔅छोड दें - दूसरों की चुगली करना!*
*🔅छोड दें - दूसरों की सफलता पर दुखी होना!*
👌🏻👌🏻
*यदि आपके फ्रिज में खाना है, बदन पर कपड़े हैं, घर के ऊपर छत है और सोने के लिये जगह है, तो दुनिया के 75% लोगों से धनी हैं |*

*यदि आपके पर्स में पैसे हैं और आप कुछ बदलाव के लिये कहीं भी जा सकते हैं जहाँ आप जाना चाहते हैं, तो आप दुनिया के 18% धनी लोगों में शामिल हैं।*

*यदि आप आज पूर्णतः स्वस्थ होकर जीवित हैं, तो आप उन लाखों लोगों की तुलना में खुशनसीब हैं जो इस हफ्ते जी भी न पायें।*

*जीवन के मायने दुःखों की शिकायत करने में नहीं हैं, बल्कि हमारे निर्माता को धन्यवाद करने के अन्य हजारों कारणों में है!*

*यदि आप मैसेज को वाकइ पढ़ सकते हैं, और समझ सकते हैं, तो आप उन करोड़ों लोगों में खुशनसीब हैं जो देख नहीं सकते और पढ़ नहीं

 अध्यापिका की जिंदगी का एक दिन

अध्यापिकाएं हड़बड़ी में निकलती हैं रोज सुबह घर से

आधे रास्ते में याद आता है सिलेंडर नीचे से बंद किया ही नहीं

उलझन में पड़ जाता है दिमाग

कहीं गीजर खुला तो नहीं रह गया

जल्दी में आधा सैंडविच छूटा रह जाता है टेबल पर



कितनी ही जल्दी उठें और तेजी से निपटायें काम विद्यालय पहुँचने में देर हो ही जाती है

खिसियाई हंसी के साथ बैठती हैं अपनी सीट पर

इंचार्ज के बुलावे पर सिहर जाती हैं

सिहरन को मुस्कुराहट में छुपाकर

नाखूनों में फंसे आटे को निकालते हुए

अटेंड करती हैं

काम करती हैं पूरी लगन से

पूछना नहीं भूलतीं बच्चों का हाल

सास की दवाई के बारे में

उनके पास नहीं होता वक्त पान, सिगरेट या चाय के लिए

बाहर जाने का

उस वक्त में वे जल्दी-जल्दी निपटाती हैं काम

ताकि समय से काम खत्म करके घर के लिए निकल सकें.

दिमाग में चल रही होती सामान की लिस्ट

जो लेते हुए जाना है घर

दवाइयां, दूध, फल, राशन

विद्यालय से निकलने को होती ही हैं कि

तय हो जाती है कोई ट्रेनिंग

जैसे देह से निचुड़ जाती है ऊर्जा

बच्चे की मनुहार जल्दी आने की

रुलाई बन फूटती है वाशरूम में

मुंह धोकर, लेकर गहरी सांस

शामिल होती है ट्रेनिंग में

नजर लगातार होती है घड़ी पर

और ज़ेहन में होती है बच्चे की गुस्से वाली सूरत

साइलेंट मोड में पड़े फोन पर आती रहती हैं ढेर सारी कॉल्स

दिल कड़ा करके वो ध्यान लगाती हैं ट्रेनिंग में

घर पहुंचती हैं सामान से लदी-फंदी

देर होने के संकोच और अपराधबोध के साथ

शिकायतों का अम्बार खड़ा मिलता है घर पर

जल्दी-जल्दी फैले हुए घर को समेटते हुए

सबकी जरूरत का सामान देते हुए

करती हैं डैमेज कंट्रोल

मन घबराया हुआ होता है कि कैसे बतायेंगी कैसे मनायेंगी सबको

विद्यालय में सोचती हैं

कितनी बार कहेंगी घर की समस्या की बात

अध्यापिकाएं सुबह ढेर सा काम करके जाती हैं घर से

कि शाम को आराम मिलेगा

रात को ढेर सारा काम करती हैं सोने से पहले

कि सुबह हड़बड़ी न हो

विद्यालय में तेजी से काम करती हैं कि घर समय पर पहुंचे

घर पर तेजी से काम करती हैं कि विद्यालय समय से पहुंचे

हर जगह सिर्फ काम को जल्दी से निपटाने की हड़बड़ी में

एक रोज मुस्कुरा देती हैं आईने में झांकते सफ़ेद बालों को देख

किसी मशीन में तब्दील हो चुकी अध्यापिकाओं से

कहीं कोई खुश नहीं न घर में, न विद्यालय में न मोहल्ले में,फिर भी कोशिश यही रहती है हर समय सबको खुश रख सकें।😊🙏

💐💐 *सम्माननीय शिक्षिका बहनों को समर्पित।*🙏🙏
साभार सोशल मीडिया

 *शिक्षकों के बीच बढ़ती दूरियां*
पिछले कुछ वर्षों में अनुभव किया है कि शिक्षकों के बीच अब बहुत मनमुटाव है , अब, वे टीम नहीं बना पा रहे , न ज्यादा कोई किसी के बारे में जानता है और न ही जानना चाहता है जबकि पहले के समय मे इसके ठीक विपरीत था - पुराने शिक्षक आज भी अगर कहीं मिल जाएंगे तो वो एक दूसरे साथी की पूरी जन्मकुंडली तक बता देंगे । आज के समय मे अब ये लगभग खत्म हो रहा है । कारण कई हैं इसके -
क्षेत्रीय शिक्षकों का न होना , आपसी जुड़ाव की भावना खत्म होना , अपने काम से काम रखना , नैतिकता का पतन होना, दूसरे का कार्य मैं क्यों करूँ का भाव आदि ।
पिछले कुछ समय को देखूँ तो पाता हूँ कि अब ये खाई और बढ़ रही है , हर विद्यालय में आप अगर अलग अलग बात करें शिक्षकों से तो आप पाएंगे कि हेडमास्टर / इंचार्ज अपने सहायक शिक्षकों से असंतुष्ट नजर आएगा और सहायक शिक्षक अपने हेडमास्टर / इंचार्ज से । कारण भी हैं इसके ऐसा होने के । टीम भावना लगभग खत्म है । बस विद्यालय समय से पहुंचना है उसके बाद तुम कौन ? ये भावना प्रबल है । मैं बेसिक के विद्यालयों में योजनाओं के क्रियान्वित न हो पाने में एक कारण इसे भी मानता हूँ ।
मुझे कहने में कोई गुरेज नहीं कि आजकल योजनाएं भी ऐसी ही बन रही हैं कि अब ये खाई और बढ़ती जा रही है , स्थिति ये आ रही है कि आखिर मुझसे क्या ? तुम जिम्मेदार हो इसके लिए , ये तो तुम्हारे जिम्मे था , हमसे क्या , कार्यवाही तुम पर होगी हमसे क्या ।
मुझे लगता है कि शिक्षा विभाग और शिक्षाविदों को एकबार इस विषय पर सोचना पड़ेगा , जिम्मेदारी तय होनी चाहिए ये एकदम सही है लेकिन कुछ छूट रहा है जिसके चलते विद्यालयों में अब टीम भावना नहीं बन पा रही । एक दूसरे के प्रति मनमुटाव / खाई बढ़ रही है । इसके लिए कोई गूगल मीट / यू ट्यूब सेशन / ऑनलाइन प्रशिक्षण दे देने से काम नहीं बनने वाला । आवश्यकता कुछ और है । समझना पड़ेगा इस आवश्यकता को कि ये दूरियां कम कैसे हों , क्या प्रशासनिक स्तर पर तो कुछ ऐसे निर्णय नहीं लिए जा रहे जिसका असर यहां दिख रहा है ।इसपर विचार करने की आवश्यकता है अगर भविष्य में इन सरकारी विद्यालयों में एक बेहतर नींव चाहते हैं तो ।
      ख़ैर आपको क्या लगता है कि ये दूरियां आपको भी नजर आ रही हैं ? अगर हाँ तो कैसे इन्हें काटा जा सकता है ?

कुछ अध्यापक खुद को ही सर्वश्रेष्ट समझते है कि मैं ही हु जो सब कुछ जानकारी रखता हूं और सामने वाले को ज्ञान नही है वो na समझ है उसको शिक्षक किसने बना दिया है जबकि हर व्यक्ति किसी ना किसी कार्य मे निपुण जरूर होता है ,,हो सकता कुछ शिक्षक अच्छा बोल लेते है कुछ अच्छा लिख लेते है और कुछ शिक्षक 1 या 2 क्लास को बेहतर पढ़ाते है कुछ बड़ी कक्षाओं के बच्चो को सभी अपनी योग्यता और बुद्धि के बल पर ही  नॉकरी पाए है किसी को कमजोर न समझते और साथ मिलकर एक दूसरे का सहयोग करे ।।

एकता में शक्ति होती है ।।

प्यार ,दोस्ती और सहयोग का हाथ हमेशा आगे रखे ।।

 

🙏🙏🙏🙏

 अगर आप स्कूल सही समय पर जाने के लिए चिंतित नहीं है...अगर आपको मॉर्निंग असेम्बली में जाना बोरियत भरा लगता है...अगर आप बालको को संबोधित करने में कतराते हैं...अगर आपको कक्षाओं में जाना मजबूरी सा लगता है...अगर आप अपने हिस्से में ज्यादा कालांश आने पर तर्क और विरोध करते है...अगर आप अगले दिन की विद्यालय की गतिविधियों को लेकर उत्साहित नही हैं..अगर आप स्कूल के कामों को ये कह कर टाल देते है की ये काम मेरा नही है ..ये मेरा प्रभार नही है...
           
*अगर आपका उद्देश्य सिर्फ वेतन के लिए उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षर करना है..अगर आप कक्षा कक्ष से अधिक स्टाफ रूम व अन्य जगहों पर बैठे पाए जाते हैं..*

अगर आप बालको के चरित्र निर्माण में कोई योगदान नहीं देते..अगर आप स्कूल लेट आना तो पसंद करते हैं लेकिन स्कूल समय के अतिरिक्त रुकना नियम विरुद्ध मानते हैं...अगर आप स्कूल के धन, संसाधन से कुछ हिस्सा अपने लिए बरतना चाहते हैं..

*अगर आप बालकों को पढ़ाने के बजाय स्टाफ गुटबंदी व वाहियात वाद विवाद का हिस्सा बनते है...अगर आप बालकों को किताबी और जीवन का व्यवहारिक ज्ञान देने के बजाय साम्प्रदायिक,राजनीतिक,जातीय व गैर जरूरी ज्ञान पर फोकस करते हैं... अगर आपके लिए बालक का जीवन निर्माण सर्वोपरि नहीं है..अगर आप हमेशा वेतन गणना व स्वयं के वेतन को लेकर चिंतित रहते है..और स्कूल की समस्याओं को संस्था प्रधान की निजी समस्या मान कर सन्तुष्टि धारण कर लेते हैं....अगर आप विद्यालयी व्यवस्था में सहयोग नहीं करते हैं....*

*अगर आप विद्यालय समय में वो सारे काम करते है जिनके लिए आपकी नियुक्ति नहीं हुई...तो यकीन मानिए आप शिक्षक  हैं ही नहीं...आप सिर्फ पैसा कमा रहे है और वो भी गलत तरीके से..*

*आगे इस बात के लिए भी निश्चिंत रहिए कि यदि इस दुनिया के परे कोई अन्य समानांतर दुनिया है जहां आपके कर्मों के हिसाब से निर्णय लिए जाते है ....तो आप निःसंदेह दंड के भागी होंगे...आप वही काटेंगे जो आपने बोया है....*

*चन्द्र जीत सिंह*(स.अ.)
 *प्र.वि. गढ़वा-सिलमी*
*विजयीपुर-फतेहपुर*

सोमवार, 10 फ़रवरी 2020

आत्ममंथन - अध्यापक में कुछ अवगुण

आत्ममंथन - अध्यापक में कुछ अवगुण

आत्ममंथन

      अध्यापक में कुछ अवगुण

        "आओ मिल कर दूर करें"

1). प्रातःकालीन सभा के लिए, या लंच ऑफ करने के लिए घण्टी समय पर लगवानी है,इसका ध्यान कुछ अध्यापक बिलकुल नहीं रखते । उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता कि घण्टी समय पर लगी या नहीं । उन्हें ये लगता है कि ये सिर्फ हेड को ध्यान रखना है या उन 1-2 अध्यापक का काम है जो लगभग स्कूल की सभी व्यवस्थाओं को हर समय दुरुस्त करने का काम करते हैं ।

2). कुछ अध्यापक ऐसे होते हैं,जिन्हें ये तो पता है कि मुझे 8:30 बजे से 1 भी मिनिट पहले स्कूल नही पहुँचना,दूसरी ओर 3:00 बजे से पहले ही हाजिरी रजिस्टर/बायोमेट्रिक के पास आकर बैठ जाना है । 1 मिनट भी फ़ालतू समय स्कूल को नहीं देना । लेकिन दूसरी तरफ यही अध्यापक तब भी बड़े आराम से बैठे गप्पे मार रहे होते हैं जबकि लंच ब्रेक ऑफ होने की घण्टी बज चुकी होती है । वो इतना जहमत नहीं उठाते कि अब सभी बच्चों को कक्षा में बैठा दें । ये काम भी 1-2 अध्यापकों या स्कूल मुखिया को ही करना पड़ता है ।

3). कुछ अध्यापक प्रातःकालीन सभा में झुण्ड में एक तरफ अपने हाथ बांधे इस तरह खड़े हो जाएंगे जैसे कि वो प्रातःकालीन सभा में मेहमान हैं । अपनी कक्षा के बच्चों की लाइन लगवाना,प्रातःकालीन सभा में कुछ ज्ञानवर्धक बोलना या बच्चों को कुछ आदतें सिखाना,ऐसा ख्याल इनके मन में आना न के बराबर है ।

4). कुछ अध्यापक नहीं चाहते कि प्रातःकालीन सभा में सभी गतिविधियाँ हों । वे चाहते हैं कि बस प्रार्थना और राष्ट्रगान कराके बच्चों को कक्षाओं में भेज दो । कोई अध्यापक प्रातःकालीन सभा को बढ़िया तरीके से संचालित करता है तो ये रुचि न दिखाने वाले अध्यापक उससे बड़े परेशान रहते हैं  । ये मन ही मन में यही सोचते हैं कि कब ये यंहा से जाएगा ! अगर कभी प्रातःकालीन सभा लम्बी हो भी गयी तो ये छाया और कुर्सी ढूंढते फिरते हैं । इतनी भी हिम्मत नहीं होती कि ये कुछ देर खड़े हो सकें ।

5). कुछ अध्यापक ऐसे मतलबी हैं जब इनको खुद का काम निकलवाना होता है तो बहुत मीठे बन जाते हैं और स्कूल मुखिया का भी जमकर इस्तेमाल करते हैं लेकिन जब स्कूल मुखिया उनसे ये अपेक्षा रखता है कि वो स्कूल में अपने कार्य के प्रति पूरी निष्ठा से काम करें तब इनका सहयोग न के बराबर होता है । तब न तो वो स्कूल मुखिया को कुछ समझते हैं और न ही कोई कार्य ढंग से करते हैं । मुखिया को सम्मान देना तो दूर की बात कभी कभी दुर्व्यवहार करने से भी पीछे नहीं रहते ।

6). कुछ अध्यापक होते तो हैं किसी कक्षा के इंचार्ज,लेकिन उनका हाजिरी रजिस्टर बड़ा अस्त-व्यस्त होता है । कितने बच्चे हैं,किसका नाम कटा है,कौन आता है आदि-आदि कुछ नहीं पता होता । उससे ज्यादा ज्ञान उनकी कक्षा के बच्चों को होता है ।

7). कुछ अध्यापक किसी कक्षा के इंचार्ज,दाखिला रजिस्टर के इंचार्ज या रिजल्ट रजिस्टर के इंचार्ज होते हैं लेकिन उसमें भी लापरवाही बरतते हैं । खुद उनको दुरुस्त रखते नहीं,बल्कि उनको पूरा करने के लिए भी वो विद्यार्थियों की या अन्य साथी अध्यापक की मदद लेते हैं । उनकी इस तरह की लापरवाही से बाद में स्कूल को बहुत बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ता है ।

8). कुछ अध्यापक अपने आपको तो बहुत सलीके से रखेंगे,अच्छे कपड़े पहनेंगे,खुद को थोड़ी सी मिटटी भी नहीं लगने देंगे,चाक को तो जैसे छूने से उनको एलर्जी ही हो जायेगी । लेकिन विद्यार्थियों की,कक्षा-कक्ष की या स्कूल की साफ़ सफाई से उन्हें कोई लेना देना नहीं । खुद के लिए कुर्सी और मेज जरूर चाहिए लेकिन बच्चों को जब चाहा वंही बैठा दिया चाहे धुल-मिटटी हो या आसपास गन्दगी । विद्यार्थियों से भी दूरी बनाकर रखेंगे जाने क्यों ?

9). कुछ अध्यापक सारा सारा दिन निकाल देते हैं लेकिन बच्चों को एक अक्षर तक नहीं सिखाते । या तो वो कक्षा में ही नहीं जाते और चले गए तो भी सिवाए बैठे बैठे कुर्सी तोड़ने के कुछ नहीं करते ।

10). कुछ पढ़ाने के नाम पर भी औपचारिकता करते हैं । बच्चों को कभी भी कुछ सिखाएंगे नहीं और न ही पढ़ाएंगे । सीधे कह देंगे कि प्रश्न-उत्तर याद कर लो ।

उपरोक्त कमियां सिर्फ एक ही स्कूल के अध्यापकों में नहीं  है,बल्कि कई स्कूलों में ऐसा बुरा हाल है । स्कूलों की ऐसी दुर्गति करने में किसी एक का नहीं बल्कि कई अध्यापकों का हाथ है चाहे वो गेस्ट  टीचर हो  बीएड वाले हो या रेगुलर टीचर हो, चाहे महिला हो या पुरुष ।

 ऐसा नहीं है कि इस तरह की कमियों वाले अध्यापकों की हरकतों को हर कोई स्कूल मुखिया नजरअंदाज कर देता है । कई स्कूल मुखिया ऐसे हैं जिन्होंने बहुत सुधार की कोशिश की लेकिन बदले में उन्होंने बहुत सहना पड़ा ।

आखिर में जब इस तरह के अध्यापक मानवीयता के बिलकुल निम्न स्तर पर आ जाते हैं तब स्कूल मुखिया भी ये सोचता है कि कब मुझे इस स्कूल से मुक्ति मिले और कोई अच्छी सी जगह ट्रान्सफर हो

ये दस(10) बिन्दु कुछ अध्यापकों को शायद बहुत ज्यादा चुभें और ये भी विश्वास है कि उन्हीं को चुभेंगे जिनके अंदर ऐसे अवगुण हैं ।
(एक आदर्श अध्यापक की पोस्ट को पुनः भेज रहा हूं)
आओ हम सभी आदर्श टीचर बन कर दिखाएं...

सोमवार, 10 दिसंबर 2018

नौकरी करने के मूल मंत्र






बने रहो पगला,
काम करेगा अगला |

बने रहो कूल,
सेलरी लेओ फुल |

जिसने ली टेंशन,
उसकी वाइफ लेगी पेंशन |

काम से डरो नहीं,
और काम को करो नहीं |

काम करो या ना करो,
काम की फिक्र जरूर करो |

फिक्र करो या ना करो,
फिक्र का जिक्र साहब से जरूर करो |

जो काम करे उसे ऊँगली करो,
जो काम ना करे उसकी चुगली करो |