रविवार, 26 अक्टूबर 2025

Restructured Assembly Plan*

*Restructured Assembly Plan* 


*1. सीधी कतार*

*2. एक हाँथ का फासला*

*3. प्रार्थना*
_सोमवार_
वह शक्ति हमें दो दयानिधे,
कर्तव्य मार्ग पर डट जावें।
पर सेवा पर उपकार में हम,
जग जीवन सफल बना जावें।
हम दीन दुखी निबलों विकलों
के सेवक बन संताप हरे।
जो हैं अटके भूले भटके,
उनको तारें खुद तर जावें।
छल दम्भ द्वेष पाखण्ड झूठ-
अन्याय से निशि दिन दूर रहे।
जीवन हो शुद्ध सरल अपना,
सुचि प्रेम सुधारस बरसावें।
निज आन मान मर्यादा का,
प्रभु ध्यान रहे अभिमान रहे।
जिस देश राष्ट्र में जन्म लिया,
बलिदान उसी पर हो जावें।।

_मंगलवार_
दया कर दान भक्ति का हमें परमात्मा देना,
दया करना हमारी आत्मा में शुद्धता देना।
हमारे ध्यान में आओ, प्रभु आँखों में बस जाओ।
अँधेरे दिल में आकर के, परम ज्योति जगा देना।
दया कर…
हमारा कर्म हो सेवा, हमारा धर्म हो सेवा।
सदा ईमान हो सेवा, व सेवक चर बना देना।
दया कर …
बहादो प्रेम की गंगा दिलो में प्रेम का सागर।
हमें आपस में मिलजुल के प्रभो रहना सिखा देना।
वतन के वास्ते जीना वतन के वास्ते मरना
वतन पर जाँ फिदा करना, प्रभो हमको सिख देना।
दया कर ...

_बुधवार_
ऐ मालिक तेरे बंदे हम, ऐसे हो हमारे करम
नेकी पर चले, और बदी से टले, ताकी हसते हुये निकले दम
ये अंधेरा घना छा रहा, तेरा इन्सान घबरा रहा
हो रहा बेख़बर, कुछ ना आता नज़र,
सुख का सूरज छुपा जा रहा
हैं तेरी रोशनी में जो दम, तो अमावस को कर दे पूनम
नेकी पर चले, और बदी से टले, ताकी हसते हुये निकले दम
बड़ा कमजोर हैं आदमी, अभी लाखों हैं इस में कमी
पर तू जो खड़ा, हैं दयालू बड़ा, तेरी क्रिपा से धरती थमी
दिया तूने हमें जब जनम, तू ही झेलेगा हम सब के गम
नेकी पर चले, और बदी से टले, ताकी हसते हुये निकले दम
जब जुल्मों का हो सामना, तब तू ही हमें थामना
वो बुराई करे, हम भलाई भरे, नहीं बदले की हो कामना
बढ़ उठे प्यार का हर कदम और मीटे बैर का ये भरम
नेकी पर चले, और बदी से टले, ताकी हसते हुये निकले दम
ऐ मालिक तेरे बंदे हम

_बृहस्पतिवार_
सुबह सवेरे  लेकर तेरा नाम प्रभु,
करते है हम शुरु आज का काम प्रभु ||
शुद्ध भाव से तेरा ध्यान लगाये हम,
विद्या का वरदान तुम्ही से पाए हम,
तुमि से है आगाज तुम्ही से अंजाम प्रभु |
करते है हम शुरु आज का काम प्रभु...
गुणों का सत्कार कभी न भूले हम,
इतना बने महान गगन को छु ले हम,
तुम्ही से है हर सुबह तुम्ही से शाम प्रभु |
करते है हम शुरु आज का काम प्रभु......
सुबह सवेरे  लेकर तेरा नाम प्रभु,
करते है हम शुरु आज का काम प्रभु ||

_शुक्रवार_
हर देश में तू, हर भेष में तू,
तेरे नाम अनेक तू एक ही है,
तेरे नाम अनेक तू एक ही है ।
तेरी रंगभूमि, यह विश्व भरा,
सब खेल में, मेल में तू ही तो है ॥
सागर से उठा बादल बनके,
बादल से फटा जल हो करके ।
फिर नहर बना नदियाँ गहरी,
तेरे भिन्न प्रकार, तू एक ही है ॥
हर देश में तू, हर भेष में तू,
तेरे नाम अनेक तू एक ही है,
तेरे नाम अनेक तू एक ही है
चींटी से भी अणु-परमाणु बना,
सब जीव-जगत् का रूप लिया ।
कहीं पर्वत-वृक्ष विशाल बना,
सौंदर्य तेरा, तू एक ही है ॥
हर देश में तू, हर भेष में तू,
तेरे नाम अनेक तू एक ही है,
तेरे नाम अनेक तू एक ही है
यह दिव्य दिखाया है जिसने,
वह है गुरुदेव की पूर्ण दया ।
गुरुदेव कहे कोई न और दिखा,
बस मैं और तू सब एक ही है ॥
हर देश में तू, हर भेष में तू,
तेरे नाम अनेक तू एक ही है,
तेरे नाम अनेक तू एक ही है ।
तेरी रंगभूमि, यह विश्व भरा,
सब खेल में, मेल में तू ही तो है ॥

_शनिवार_
इतनी शक्ति हमें देना दाता,
मनका विश्वास कमजोर हो ना
हम चलें नेक रस्ते पे,
हमसे भूलकर भी कोई भूल हो ना
दूर अज्ञान के हो अँधेरे
तू हमें ज्ञान की रौशनी दे
हर बुराई से बचके रहें हम
जीतनी भी दे भली ज़िन्दगी दे
बैर हो ना किसी का किसी से
भावना मन में बदले की हो ना
हम चलें नेक रस्ते पे,
हमसे भूलकर भी कोई भूल हो ना.....
हम न सोचें हमें क्या मिला है
हम ये सोचें किया क्या है अर्पण
फूल खुशियों के बांटें सभी को
सबका जीवन ही बन जाए मधुबन
अपनी करुणा को जल तू बहा के
करदे पावन हर एक मन का कोना
हम चलें नेक रस्ते पे,
हमसे भूलकर भी कोई भूल हो ना.....
हर तरफ़ ज़ुल्म है बेबसी है
सहमा-सहमा सा हर आदमी है
पाप का बोझ बढ़ता ही जाए
जाने कैसे ये धरती थमी है
बोझ ममता का तू ये उठा ले
तेरी रचना का ये अंत हो ना
इतनी शक्ति हमें देना दाता.....

*5. प्रतिज्ञा*
मैं अपने देश से प्यार करता हूँ और मुझे इसकी समृद्धि और विविध विरासत पर गर्व है । मैं हमेशा इसके योग्य बनने का प्रयास करूंगा। मैं अपने माता-पिता शिक्षकों और सभी बड़ों का सम्मान करूंगा और सभी के साथ शिष्टाचार का व्यवहार करूंगा। मै  अपने देश और अपने देश के लोगों की रक्षा करने की प्रतिज्ञा करता हूँ।

_हम शपथ लेते हैं कि पढ़ाई को अपने जीवम का हिस्सा बनाएंगे । पढ़ेंगे और पढ़ना सिखाएंगे। हम अपने सभी सहपाठियों का हौसला बढ़ाएंगे। पढ़ाई से जुड़कर हम शिक्षित भारत बनाएंगे।_

*4. प्रेरक वाक्य*
* उठो जागो और तब तक नही रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए।
* व्यक्ति अपने विचारों के शिव कुछ नही है, वह जो सोंचता है, वही बन जाता है ।
* असफलताएं कभी कभी सफलता की स्तंभ होती हैं।

*5. कंघी और नाखून की जांच*

*6. वेशभूषा और जूतों की जांच*

*7. अपना परिचय*
नाम, विद्यालय का नाम, कक्षा, गांव का नाम

*8. सामान्य ज्ञान*
* राष्ट्र पिता- महात्मा गांधी
* देश का नाम- भारत
* भारत की राजधानी- नयी दिल्ली
* भारत के प्रधानमंत्री- श्री नरेन्द्र मोदी
* भारत के राष्ट्रपति- श्री राम नाथ कोविंद
* भारत के कुल राज्य- 28
* भारत के कुल केंद्र शासित प्रदेश- 8
* राज्य का नाम- उत्तर प्रदेश
* उत्तर प्रदेश की राजधानी- लखनऊ
* उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री- श्री आदित्य नाथ योगी
* उत्तर प्रदेश के राज्य पाल- श्रीमती आनंदी बेन पटेल

*9. हेल्प लाइन नम्बर*
* फायर- 101
* पुलिस- 112
* एम्बुलेंस- 108
* चाइल्ड हेल्पलाइन- 1098
* महिला हेल्पलाइन- 1090

*10. पी०टी०*

*11. राष्ट्रगान*
जनगणमन-अधिनायक जय हे भारतभाग्यबिधाता!
पञ्जाब सिन्धु गुजरात मराठा द्राबिड़ उत्कल बङ्ग
बिन्ध्य हिमाचल यमुना गंगा उच्छल जलधि तरङ्ग
तब शुभ नामे जागे, तब शुभ आशिष मागे,
गाहे तब जयगाथा।
जनगणमङ्गलदायक जय हे भारतभाग्यबिधाता!
जय हे, जय हे, जय हे, जय जय जय जय हे॥

*12. देश भक्ति गीत*
नन्हा मुन्ना राही हूँ, देश का सिपाही हूँ
बोलो मेरे संग, जय हिंद, जय हिंद, जय हिंद ...
रस्ते पे चलूंगा न डर-डर के
चाहे मुझे जीना पड़े मर-मर के
मंज़िल से पहले ना लूंगा कहीं दम
आगे ही आगे बढ़ाउंगा कदम
दाहिने बाएं दाहिने बाएं, थम!  नन्हा ... 

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